केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिलिट्री पुलिस में 20 फीसदी महिलाओं को भर्ती करने की घोषणा की हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना पुलिस में महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 जनवरी 2019 को ट्वीट कर यह घोषणा की. उन्होंने मिलिट्री पुलिस में एक जवान के तौर पर महिलाओं को शामिल करने का फैसला लिया है. यह निर्णय सैन्य बलों में महिलाओं के प्रधिनिधित्व को बढ़ाने के मकसद से लिया गया है. भारतीय सेना में अब महिलाओं की भूमिका और बढ़ने वाली है.
पहली बार सेना पुलिस के कोर में भूमिका:
पहली बार कार्मिक निचले अधिकारी रैंक (पर्सनल बिलो आफिसर रैंक) की भूमिका में महिलाओं को शामिल किया जाएगा.
मिलिट्री पुलिस में क्या होगी महिलाओं की भूमिका?
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सेना पुलिस में शामिल की जाने वाली महिलाएं दुष्कर्म और छेड़छाड़ जैसे मामलों की जांच करेंगी. सेना पुलिस का रोल सैन्य प्रतिष्ठानों के साथ कैंटोनमेंट इलाकों की देखरेख करना होता है.
सर्च ऑपरेशंस/चेक पोस्ट या तलाशी व घेराबंदी अभियान के दौरान महिलाओं को खोजना होगा.
सेना पुलिस शांति और युद्ध के समय जवानों और साजोसामान की मूवमेंट को संचालित करती है.
मिलिट्री में अनुशासन कायम रखना भी इनकी पुलिस ड्यूटी में शामिल रहेगा. शरणार्थियों का भीड़ नियंत्रण करना होगा, जिसमें बच्चे और महिलाएं शामिल हों.
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सेना की मिलिट्री पुलिस (Corps of Military Police) में महिलाओं को भर्ती करने के लिए लंबे समय से बहस हो रही थी जिस पर आज रक्षा मंत्री ने मुहर लगा दी है.
पृष्ठभूमि:
गौरतलब है कि पिछले वर्ष सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि महिलाओं को लड़ाकू भूमिकाओं प्रदान करने की मंजूरी की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और महिलाओं को सेना पुलिस में भर्ती किया जाएगा. इसके लिए सेना प्रमुख ने सेना पुलिस में कम से कम 800 महिलाओं को शामिल करने की योजना तैयार की है. इसके तहत प्रति वर्ष 52 महिला जवानों को भर्ती किया जाएगा.
वर्तमान में महिलाओं को सेना में चिकित्सा, कानून, शिक्षण, सिग्नल तथा इंजीनियरिंग जैसी शाखाओं में जाने का विकल्प मिलता है.
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